
मार्च 2020 में आई कोरोना महामारी को रोकने के लिए लॉकडाउन के साथ कई कानून लागू करने पड़े थे। जाने अनजाने में लोगों ने इनका पालन नहीं किया और कानूनी फंदे में उलझ कर रह गए। लेकिन अब सरकार आम जनता पर लगे कानून उल्लंघन के केस वापस लेगी।
कोविड प्रोटोकॉल और लॉकडाउन उल्लंघन को लेकर दर्ज हुए मामलों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इससे पहले योगी सरकार या घोषणा भी कर चुकी थी कि कोविड प्रोटोकॉल और लॉकडाउन उल्लंघन के सभी केस वापस लिए जाएंगे।
न्याय विभाग ने जारी किया शासनादेश
अब न्याय विभाग ने भी शासन आदेश जारी किया है। इसमें स्पष्ट किया गया है कि जनता पर कम गंभीर अपराध की धाराओं में दर्ज जिन मुकदमों में न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल हो चुके हैं अब वह भी वापस लिए जाएंगे।
पहले थी केवल व्यापारियों के केस ही वापस लेने की घोषणा
पहले सरकार के द्वारा केवल व्यापारियों के ऊपर लगे कोविड प्रोटोकॉल और लॉकडाउन उल्लंघन के केस ही वापस लेने की घोषणा की थी। लेकिन अब यह घोषणा आमजन के लिए भी लागू कर दी गई है।
लगभग तीन लाख मुकदमा पंजीकृत है
मंगलवार को जारी शासनादेश में कहा गया है कि आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005, महामारी अधिनियम -1897,भादवि की धारा-188 और इस से संबद्ध अन्य कम गंभीर अपराध की धाराओं में लगभग तीन लाख मुकदमा दर्ज है।
व्यापक जनहित को ध्यान में रखते हुए लिए गए इस निर्णय की सराहना की जानी चाहिए। इससे लाखों परिवारों को कोर्ट कचहरी के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे।