
उन हवाओं के झोंको को कैसे भूलें ,
जो बना गये जीवन को बगिया ,
फूलों को उसमें उगा गये ,
फिर फूलों की तरह हमको ,
महकना हमको सीखा गये बनकर जो सतरंगी इन्द्रधनुष , बेरंगी जीवन में उतरकर ,
जिन्दगी को रंगीन बना गये ।
बनकर आए तुम सब ,
हमारे जीवन में अवतार लिया , उदासी में डूबे हुए रहते ,
हंसी का उपासक बना गये ,
हर जीत मुकम्मल हो जाएगी ,
सपने देखने की इच्छाशक्ति जगा गये ,
डरना क्या इस दुनिया से ,
हिम्मत का फौलादी बना गये।
हर अन्धकार की कीमत को ,सुबह की रोशनी की किरण चुका लेगी ,सब्र से रात को गुजरने दो ,
अन्धकार में भी चलना हमको सीखा गये ,
जीवन में जब-जब रात हुई ,तब तब कोई साथ नहीं ,
उस क्षण के भी तुम साथी थे ,
हर पल का साथ निभा गये।कब मिलेगा ना जाने साथ तुम्हारा ,
जो साथ मिला अनमोल रहा ,ना सगा था ना सोतेला था ,वो रिश्तों का घर सच्चा था ,
आबाद रहो खुशहाल रहो , हर ग़म से तुम अनजान रहो , जीवन में सबको मिले सफलता , राहों को हमारी सफल तुम बना गये ।