एक पुलिस वाले बनने से लेकर उसके कुख्यात बदमाश बनने तक का सफर।क्या है इस कुख्यात बदमाश बनने की कहानी। कैसे बना बलराज भाटी कुख्यात। एक पुलिस वाले बनने से लेकर उसके कुख्यात बदमाश बनने तक की कहानी।

वो दिल्ली पुलिस का सिपाही था आखिर क्यों वह एक पुलिस वाले से कुख्यात बदमाश बना। क्यों तीन राज्यों की पुलिस उसके पीछे पड़ गई। क्यों इस पर तीन लाख का इनाम घोषित किया गया।आज फिर एक अनछूई कहानी लेकर आया हूं। कहानी को अन्त तक जरूर पढ़ें। कहानी कैसी लगी अपनी राय जरुर दें।

एक पुलिस वाले बनने से लेकर उसके कुख्यात बदमाश बनने तक का सफर।क्या है इस कुख्यात बदमाश बनने की कहानी।

कैसे बना बलराज भाटी कुख्यात।

एक पुलिस वाले बनने से लेकर उसके कुख्यात बदमाश बनने तक की कहानी।

 

२३ अप्रैल 2018 पुलिस को खबर मिलती है कि बलराज भाटी नाम का गैंगस्टर अपने दो साथियों के साथ कोई वारदात को अंजाम देने के लिए नोएडा आ रहा है खबर पक्की थी इसलिए हरियाणा और उत्तर प्रदेश के एसटीएफ के जवान सादा वर्दी में अपने काम को अंजाम देने के लिए घेराबंदी करने में लग गए थे।

 

नोएडा के सेक्टर 49 में बरोला लाल बत्ती के पास एसटीएफ की एसयूवी कार ने स्विफ्ट कार को ओवरटेक करते हुए टक्कर मार दी और कार डिवाइडर में जा टकराई जिसमें से बलराज भाटी अपनी कार से निकल कर भागने लगा गोलियों की बौछार दोनों तरफ से हो रही थी।

 

बलराज भाटी अपनी जान बचाने को आगे आगे भाग रहा था और पास में ही एक दुकान की छत पर सरण ली परन्तु पुलिस ने तब तक दुकान को चारो तरफ से अपने कब्जे में ले लिया अब बलराज फस चुका था उसके पास पुलिस से बचने का कोई रास्ता नहीं था। 

फायरिंग का सिलसिला दोनों तरफ से जारी था। प्रत्यक्षदर्शी भी यह नहीं समझ पा रहे थे कि हो क्या रहा है।ये गोलियां चल क्यों रही है। इन्हें चला कौन रहा है?जब गोलियां चलनी बन्द हुई तब तक बलराज भाटी ढेर हो चुका था और तब प्रत्यक्षदर्शियों को पता चला कि बलराज भाटी ओर पुलिस में मुठभेड़ चल रही थी।

 

क्या है इस कुख्यात बदमाश बनने की कहानी।

कैसे बना बलराज भाटी कुख्यात।

एक पुलिस वाले बनने से लेकर उसके कुख्यात बदमाश बनने तक की कहानी।

 

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जनपद में गांव शिवनगर ढूसरी के रहने वाले बलराज का झगड़ा पप्पू उर्फ कटार सिंह से चल रहा था। झगड़े के कारण मचछली पकड़ने के कारण हुआ। बलराज एक दिन अपने जीजा के साथ मछली पकड़ने उस तालाब पर गया जिस तालाब में मछलियों का पालन पप्पू उर्फ कटार सिंह करता था। मच्छली पकड़ते हुए बलराज को देखा तो पप्पू आग बबूला हो गया।

 

मछली पकड़ने को लेकर दोनों के बीच कहा सुनी हो गयी  कहासुनी का मंजर मार पीट में बदल गया ये झगड़ा इतना बढ़ गया कि कटार सिंह उर्फ पप्पू ने अपने साथियों के साथ मिलकर बलराज की पिटाई कर दी।इस झगडे में हुई बलराज की पिटाई ने बलराज के अन्दर बदले की भावना उत्पन्न हो गई। बलराज अपने साथ हुए अपमानजनक कुकृत्य को भूल नहीं सकता था। 

इस दौरान बलराज की नोकरी दिल्ली पुलिस में लग गइ थी।

 

अब सन 1990में गांव में एक ओर घटना शिवनगर ढूसरी में घटी घटना जमीनी विवाद को लेकर उत्पन्न हुई, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।इस घटना में बलराज को भी दोषी बनाया गया था।कहा जाता है कि बलराज को इस घटना में कटार सिंह उर्फ पप्पू ने ही किसी पुलिस अधिकारी से मिलकर सम्मिलित कराया गया था। 

 

जिससे बलराज को अपनी सम्मान से मिली नौकरी से भी हाथ धोना पड़ा। बलराज को साल दो हजार सात में दिल्ली पुलिस की नौकरी से बर्खास्त कर दिया।

अब बलराज के अन्दर बदले की भावना का ज्वालामुखी बनने लगा बस उस ज्वालामुखी का फटना बाकी था।

 

जिसमें बलराज को जेल भेज दिया गया ओर जेल के अंदर बलराज की मुलाकात सुन्दर भाटी से हुई । बलराज सुन्दर भाटी से इतना प्रभावित हुआ कि सुन्दर भाटी को बलराज ने अपना गुरु मान लिया।अब बलराज ने सुन्दर भाटी का गेंग में प्रवेश कर लिया। बलराज ने इतना ही नहीं अब अपना सरनेम में भाटी शब्द भी जोड़ दिया। 

 

अब बलराज से बलराज भाटी हो गया।

सुन्दर भाटी जेल में बंद था।बाहर सुन्दर भाटी के गैंग को जतन सिरोही चला रहा था।

 

जतन सिरोही साल 2008 में एक पुलिस मुठभेड़ में पुलिस के हाथों मारा गया।

अब सुन्दर भाटी के गैंग को चलाने की ज़िम्मेदारी बलराज भाटी को मिल गयी।अब हत्याओं के सुपारी,लूट,फिरोती अपहरण आदि जघन्य अपराधों के बलराज भाटी अपने गैंग के साथ मिलकर कर रहा है।

 

बताया जाता है कि कितनी ही ऐसी घटनाएं हुई बलराज भाटी से जिनका पुलिस के पास भी कोई रिकॉर्ड नहीं है।अपराध की दुनियां में अपने चरम पर पहुंचे बलराज भाटी के अन्दर जो बदले की ज्वालामुखी जल रही थी वो अभी भी एक टीस बनकर जल रही थी उसका अभी फटना बाकी था।

 पप्पू उर्फ कटार सिंह से बदला लेने के ज्वालामुखी अभी भी जल रही थी।बदले की आग में जल रहे बलराज भाटी ने अपने अन्दर का बदले के ज्वालामुखी को अप्रैल 2018 में कटार सिंह की हत्या करके फोड़ा।

 

पप्पू को मारने के लिए बलराज भाटी AK47 लेकर गया था जिससे बलराज भाटी ने पप्पू उर्फ कटार सिंह को लगभग सौ गोलियां चलाई गईं थीं।इस बारदात में पप्पू उर्फ कटार सिंह की पत्नी भी मारी गई थी।जिसको चालिस गोलियां लगी थीं। इसके बाद तो बलराज भाटी ने ऐसी कितनी ही बारदातों को अंजाम दिया जिसमें इस घटना को एक मात्र चश्मदीद गवाह को भरी अदालत में पुलिस के सामने गोलियों से भून डाला था।

 

एक ऐसा ही मामला था जिसमें दादरी की चेयरपर्सन गीता पंडित के पति विजय पंडित की हत्या का वो  7 जून 2014 की रात थी जब विजय पंडित की सरेराह गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उन्हें कोई बहुत दिनों से जानसे मारने की धमकी दे रहा था।विजय पंडित ने पुलिस से सुरक्षा के मांग भी की थी। 

सात जून की रात विजय पंडित पैदल कहीं जा रहे थे तव मोटरसाइकिल सवार होकर आए कुछ बदमाशों ने इस घटना को अंजाम दिया।इस घटना के तार भी बलराज भाटी से जुड़े थे। परन्तु पुलिस इसे पकड़ नहीं पाई थी। 

 

 बलराज भाटी का खोफ उत्तर प्रदेश दिल्ली और हरियाणा में बढ़ता जा रहा था इसलिए पुलिस ने बलराज भाटी पर तीन लाख का इनाम घोषित भी किया गया था लेकिन फिर भी पुलिस उसे पकड़ नहीं पाई थी। उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश, दिल्ली हरियाणा में दर्जनों अपराधिक मामले दर्ज किए जा चुके थे।फिर भी पुलिस की गिरफ्त से बलराज भाटी बहार था। 

आखिर 23 अप्रैल 2018 को पुलिस को सूचना मिली कि बलराज भाटी किसी अपराधिक घटना को अंजाम देने को नोएडा आ रहा है खबर पक्की थी इसलिए हरियाणा पुलिस और यूपी पुलिस ने अपने जाल में फंसाकर इस अपराधी बलराज भाटी का अन्त कर दिया।

 

बलराज भाटी को उसके पैतृक गांव शिवनगर ढूसरी जिला बुलन्दशहर में उसके पांच साल के बेटे ने मुख अग्नि दी।

 

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The reports are Dainik Dirashya Bulandshahr Uttar Pradesh

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2 Comments

  • Can you tell us more about this? I’d love to find out more details.

    • ऐसे और भी किस्से हैं जिन्हें लिख रहा हूं।

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