औरंगाबाद तहारपुर गांव को अंकलेश्वर महादेव मंदिर अहार सम्पर्क मार्ग की हालत गंभीर बनी हुई है।

औरंगाबाद तहारपुर गांव को अंकलेश्वर महादेव मंदिर अहार का सम्पर्क की खस्ता हालत।

औरंगाबाद तहारपुर गांव को अंकलेश्वर महादेव मंदिर अहार सम्पर्क मार्ग की हालत गंभीर बनी हुई है।

औरंगाबाद तहारपुर गांव जनपद बुलंदशहर तहसील स्याना, ब्लाक उंचागांव क्षेत्र में रास्ते की हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। औरंगाबाद तहारपुर गांव विधानसभा क्षेत्र स्याना का अन्तिम छोर पर वसा गांव है। औरंगाबाद तहारपुर गांव हमेशा से विधानसभा जनप्रतिनिधियों की नजरों में नहीं आता है। यही कारण रहा है कि औरंगाबाद तहारपुर गांव को जोड़ने वाले सभी रास्तों की हालत अत्यधिक खस्ता है।

Chasi on Google maps

Chasi on Google maps

औरंगाबाद तहारपुर गांव युगों-युगों से तीर्थ स्थली है। फिर भी औरंगाबाद तहारपुर गांव अपने आप को सम्पर्क मार्ग का सौन्दर्यकरण की बाट जोह रहा है। औरंगाबाद तहारपुर गांव के उत्तर दिशा में पतित पावनी गंगा नदी का तटीय क्षेत्र में बाबा गोरखनाथ मंदिर है।तो उत्तर पूर्व दिशा में अंकलेश्वर महादेव मंदिर है।कहा जाता है कि इस मन्दिर में पाण्डव बन्धु भगवान शिव के नाम की उपासना किया करते थे।

अंकलेश्वर महादेव मंदिर अहार बुलंदशहर उत्तर प्रदेश।

औरंगाबाद तहारपुर और अहार के मध्य स्थित अंकलेश्वर महादेव मंदिर सम्पर्क मार्ग है जो बहुत ही दयनीय स्थिति में है।इस मार्ग को आज भी अपने सौंदर्य होने की उम्मीद बनी हुई है। औरंगाबाद तहारपुर और क्षेत्र में कृष्ण की लीलाओं का भी लोगों के जुवानी यादें हैं कृष्ण की लीलाओं से ही प्रेरित इस क्षेत्र में स्थित गांवों के नामांकरण हुए हैं।

कहा जाता है कि औरंगाबाद तहारपुर गांव के नजदीक दराबर गांव में कृष्ण का दरबार सजा था। तो इस स्थान को दराबर पड़ा है।अहार का पुरातन नाम कुंदनपुर है। कुंदनपुर कुन्ती के नाम से जाना जाता है। इसी क्षेत्र में स्थित है मौहरसा इस स्थान पर भी कृष्ण का दरबार सजा था जहां पर सनातन संस्कृति के अनुसार विवाहिक रीति-रिवाज की रस्म निभाई गई थी। इसी स्थान पर कृष्ण के मौहर बन्धाई की रस्म निभाई गई थी।जिस कारण इस गांव का नाम मौहरसा पड़ा बताया जाता है। औरंगाबाद तहारपुर

औरंगाबाद तहारपुर गांव से कुछ दूरी लगभग छः सात किलोमीटर पर स्थित गांव बनबारीपुर उन्हीं के नाम पर रखा गया है। औरंगाबाद तहारपुर गांव के आसपास जितने भी गांव वसे हुए हैं सभी गांवों का नाम सनातन संस्कृति से जुड़ा हुआ है।फिर भी इस क्षेत्र की अनदेखी जिले के जनप्रतिनिधियों द्वारा की जाती रही है। पिछले पांच सालों में भी इस क्षेत्र को विकास के नाम पर सिर्फ ठगा गया है।

औरंगाबाद तहारपुर,चासी आहार(कुन्दनपुर) दराबर,मौहरसा, बनबारीपुर, थाना गजरोला, माजरा माली कीमड्डियां,फत्तेपुरगुर्जर,सफीनगर, रसूलपुर,खन्दोई, रजापुर ,हसनपुर, मोहमदपुर,सिरोराबांगर,फरीदाबांगर,सोंजनारानी,नगलामदरीपुर,नित्यानन्दपुर,चरोरा,लछोई,खदाना,खनोदा,दुलखरा, मंगलपुर महुआ खेड़ा,पिलखनी,सेरिया, भगवन्तपुर,मवाई,माण्डूहसनगढी, आदि गांवों में यदि मूल सुविधाएं पर अगर लिखने बैठ जाऊं तो इन गांवों की मुख्य जरुरतों की एक लम्बी लिस्ट बनाने में महिने से भी ज्यादा समय लग सकता है।

इसलिए आप सभी से अनुरोध है कि अपने अपने क्षेत्रों की मूलभूत आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर उनको लिखकर या तो हमें हमारे नम्बर 9149116233,पर व्हाट्स एप कर सकते हैं।

आप हमें इ-मेल द्वारा भी सम्पर्क कर सकते हैं ताकि हम उन्हें दैनिक दृश्य के माध्यम से शासन प्रशासन तक पहुंचा सकें।हमारा ईमेल पता है [email protected]

Share and Enjoy !

Shares

anwar khan

अनवार खान [email protected] दैनिक दृश्य के सम्पादक हैं ये अपने अनुभव से देश दुनिया में हो रही सामाजिक व्यवस्था अव्यवस्था को अपने शब्दों में लिखकर वेब पोर्टल पर प्रकाशित करते हैं। केवल सच्ची खबरें, कहानी, किस्से, यात्राओं के विरतान्त, आंखों देखी घटनाओं को अपने शब्दों में, क्या हुआ, कहा हुआ,कब हुआ, कैसे हुआ, किसने किया आदि विन्दुओ पर अपने विचार, टीका टिप्पणी और संदर्भ में भी लेखन करते हैं।

Read Previous

बैंकिंग इतिहास का सबसे बड़ा घोटाला : ABG शिपयार्ड ने 28 बैंकों को 22,842 करोड़ का चूना लगाया, CBI ने दर्ज की FIR

Read Next

दहेज प्रथा की बलि चढ़ी एक और महिला।

One Comment

  • बहुत बदहाल हालत है इन गाँव की

Leave a Reply

Your email address will not be published.

   
Shares