
ग्लेशियर फटने के कारण नदियों में आई बाढ़ के बाद आइटीबीपी और एनडीआरएफ को राहत और बचाव कार्य में लगाया गया है।
उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ के पास ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने के कारण आई भीषण बाढ़ के बाद करीब 125 मजदूर लापता है जबकि 15 को सुरक्षित बचा लिया गया है ग्लेशियर फटने के बाद सुरंग से निकले एक मजदूर मजदूर ने आपबीती बताइए जिसका वीडियो उत्तराखंड पुलिस ने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है।
ग्लेशियर फटने के बाद नदियों में आई बाढ़ के बाद आइटीबीपी ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है ।
आईटीबीपी के जवान संक्री सुरंगों में फंसे लोगों को बाहर निकालने में जुटे हुए है
सुरंग से बाहर निकलने के बाद एक मजदूर ने आपबीती बताई उसने बताया कि सुरंग में गर्दन तक मलवा भर गया था शख्स ने बताया कि सुरंग के अंदर मलवा हमारी गर्दन तक पहुंच गया था मैं खुद सरिया पकड़ कर बाहर आया हूं जब उसे पूछा गया कि सुरंग में घबराहट तो नहीं हो रही थी इस पर उसने जवाब नहीं दिया।
चमोली ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने के कारण ऋषि गंगा घाटी में अचानक बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया इससे वहां चल रही दो पनबिजली परियोजनाओं में काम कर रहे 14 लोगों की मौत हो गई जिनके सब अलग-अलग स्थानों से बरामद किए गए।
प्राकृतिक आपदा से प्रभावित क्षेत्रों में भारी नुक़सान।
हादसे के बाद एनटीपीसी तपोवन विष्णुगढ़ पनबिजली परियोजना और ऋषि गंगा परियोजना पनबिजली को बड़ा भारी नुकसान हुआ है तपोवन परियोजना की एक सुरंग में फंसे सभी 15 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है जबकि लगभग 125 लोग अभी भी लापता हैं।
ग्लेशियर टूटने के बाद अचानक तबाही का मंजर देखने को मिला
ऋषि गंगा में करीब रविवार सुबह 10:45 पर अचानक बाढ़ आ गई एक ग्लेशियर के गिरने और तेजी से पानी की धारा चलने से श्री गंगा हाइड्रो प्रोजेक्ट पूरी तरह से तहस-नहस हो गया बाढ़ में गांव के पांच से छह घर भी बह गए हैं और तपोवन के आसपास धौलीगंगा नदी पर एनटीपीसी की 1 परियोजनाओं को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया क्ष्ह्ष
ग्लेशियर फटने के कारण नदियों में आई बाढ़ के बाद आइटीबीपी को राहत और बचाव कार्य में लगाया गया है
उत्तराखंड के चमोली जिले में जोशीमठ के पास ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने के कारण आई भीषण बाढ़ के बाद करीब 125 मजदूर लापता है जबकि 15 को सुरक्षित बचा लिया गया है।
ग्लेशियर फटने के बाद सुरंग से निकले एक मजदूर मजदूर ने आपबीती बताइए जिसका वीडियो उत्तराखंड पुलिस ने ट्विटर हैंडल पर शेयर किया है।
ग्लेशियर फटने के बाद नदियों में आई बाढ़ के बाद आइटीबीपी ने राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया है आईटीबीपी के जवानों का दस्ता संक्री सुरंगों में फंसे लोगों को बाहर निकालने में जुटा हुआ हैै।
सुरंग से बाहर निकलने के बाद एक मजदूर ने आपबीती बताई उसने बताया कि सुरंग में गर्दन तक मलवा भर गया था शख्स ने बताया कि सुरंग के अंदर मलवा हमारी गर्दन तक पहुंच गया था।
मैं खुद सरिया पकड़ कर बाहर आया हूं जब उसे पूछा गया कि सुरंग में घबराहट तो नहीं हो रही थी इस पर उसने जवाब नहीं दिया।
चमोली ग्लेशियर का एक हिस्सा टूटने के कारण ऋषि गंगा घाटी में अचानक बाढ़ ने विकराल रूप धारण कर लिया इससे वहां चल रही दो पनबिजली परियोजनाओं में काम कर रहे 14 लोगों की मौत हो गई जिनके सब अलग-अलग स्थानों से बरामद किए गए ।
हादसे के बाद एनटीपीसी तपोवन विष्णुगढ़ पनबिजली परियोजना और ऋषि गंगा परियोजना पनबिजली को बड़ा भारी नुकसान हुआ है ।
तपोवन परियोजना की एक सुरंग में फंसे सभी 15 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है जबकि लगभग 125 लोग अभी भी लापता हैं।
ग्लेशियर टूटने के बाद अचानक तबाही का मंजर देखने को मिला।
ऋषि गंगा में करीब रविवार सुबह 10:45 पर अचानक बाढ़ आ गई एक ग्लेशियर के गिरने और तेजी से पानी की धारा चलने से श्री गंगा हाइड्रो प्रोजेक्ट पूरी तरह से तहस-नहस हो गया बाढ़ में गांव के पांच से छह घर भी बह गए हैं और तपोवन के आसपास धौलीगंगा नदी पर एनटीपीसी की 1 परियोजनाओं को पूरी तरह से तहस-नहस कर दिया गया।
नदी की दूसरी ओर के गांव को जोड़ने वाले दो झूला पुल भी बह गए हैं। भारत तिब्बत सीमा पुलिस आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमों के करीब 250 से अधिक जवान घटनास्थल पर पहुंच गए हैं ।राहत और बचाव कार्य में लगे हुए हैं। आइटीबीपी और एनडीआरएफ की टीम का तलाशी अभियान बदस्तूर जारी है
नदी की दूसरी ओर के गांव को जोड़ने वाले दो झूला पुल भी बह गए हैं
भारत तिब्बत सीमा पुलिस आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमों के करीब 250 से अधिक जवान घटनास्थल पर पहुंच गए हैं और राहत और बचाव कार्य में लगे हुए हैं। आइटीबीपी और एनडीआरएफ की टीम का तलाशी अभियान बदस्तूर जारी है
anwar khan
अनवार खान [email protected] दैनिक दृश्य के सम्पादक हैं ये अपने अनुभव से देश दुनिया में हो रही सामाजिक व्यवस्था अव्यवस्था को अपने शब्दों में लिखकर वेब पोर्टल पर प्रकाशित करते हैं। केवल सच्ची खबरें, कहानी, किस्से, यात्राओं के विरतान्त, आंखों देखी घटनाओं को अपने शब्दों में, क्या हुआ, कहा हुआ,कब हुआ, कैसे हुआ, किसने किया आदि विन्दुओ पर अपने विचार, टीका टिप्पणी और संदर्भ में भी लेखन करते हैं।