ग्लेशियर क्या होता है, ग्लेशियर कैसे बनता है।

ग्लेशियर

ग्लेशियर क्या होता है? क्यों फटता है ग्लेशियर

उत्तराखंड के चमोली जिले के जोशीमठ के रैणी गांव में ग्लेशियर फटने से पूरे इलाके में सैलाब उमड़ गया है।

जिसके कारण धोलगंगा नदी का जल स्तर अचानक बढ़ गया है। इससे ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट्स ध्वस्त हो गया है। पहाड़ी क्षेत्रों में हिमस्खलन होने से बिगड़ गए हैंं हालात ।

ग्लेशियर

राज्य सरकार ने इस घटना के मद्देनजर श्रीनगर ऋषिकेश अलकनंदा समेत अन्य इलाकों के लिए अलर्ट जारी किया है और अलकनंदा की तरफ से जाने की सलाह दी गई है।

बड़े पैमाने पर जानमाल के नुकसान की आशंका जताई जा रही है ग्लेशियर की बर्फ टूटकर धूल गंगा नदी में बह रहे हैं।

क्या होता है  ग्लेशियर  का फटना या टूटना।

वर्षों तक भारी मात्रा में बर्फ जमा होने और इसके एक जगह एकत्र होने से ग्लेशियर का निर्माण होता है 99 फ़ीसदी ग्लेशियर आईसीट के रूप में होते हैं।

जिसे महादीपीय ग्लेशियर भी कहा जाता है। यह अधिकांशत ध्रुवीय क्षेत्रों या ऊंचाई वाले पहाड़ी होता है। हिमालय क्षेत्रों में भी ऐसे ही ग्लेशियर पाए जाते हैं।

श्री सिद्ध बाबा गोरखनाथ मंदिर सम्पर्क मार्ग अपने सौन्दर्यकरण का इंतजार कर रहा है।

किसी भूवैज्ञानिक हलचल गुरुत्वाकर्षण प्लेटों के नजदीक आने या दूर जाने की वजह से जब इसके नीचे गतिविधियां होती है तब यह टूटता है कई बार ग्लोबल वार्मिंग की वजह से भी ग्लेशियर के बर्फ पिघल कर बड़े-बड़े बर्फ के टुकड़े के रूप में टूटने लगते हैं ।

यह प्रक्रिया ग्लेशियर फटना या टूटना कहलाता है इसे कॉल्विन या ग्लेशियर आउट बर्स्ट भी कहा जाता है।

उत्तराखंड के चमोली जिले में ग्लेशियर फटने के कारण बुलंदशहर जिले में भी हाई अलर्ट जारी।

स्याना तहसील क्षेत्र में रूखी भगवानपुर ,बसी बांगर,फरीदा बांगर,थाना गजरोला,चासी,मड्डेय्यां फत्तेहपुर गुजर, औरंगाबाद तहारपुर, अनूपशहर तहसील में अहार, कर्णवास नरोरा क्षेत्रों में हाई अलर्ट घोषित।इस क्षेत्र के सभी किसानों,कस्तकारों से अनुरोध है कि अगले कुछ दिनों तक गंगा नदी के तटवर्ती क्षेत्रों से दूर रहें।

👉यह जिले पड़ते हैं गंगा जी के किनारे
  1. बिजनौर
  2. मुजफ्फरनगर
  3. अमरोहा
  4. संभल
  5. मेरठ
  6. बुलंदशहर
  7. हापुड़
  8. अलीगढ़
  9. कासगंज
  10. बदायूं
  11. फर्रुखाबाद।
  12. शाहजहांपुर
  13. कन्नौज
  14. हरदोई
  15. उन्नाव
  16. कानपुरनगर
  17.  रायबरेली
  18. फतेहपुर
  19. प्रतापगढ़
  20. कौशांबी
  21. प्रयागराज
  22. भदोही
  23. मिर्जापुर
  24.  वाराणसी
  25. गाजीपुर
  26. बलिया व
  27. चंदौली
मुरादाबाद मेरठ मुजफ्फरनगर अलीगढ़ बरेली कानपुर लखनऊ प्रयागराज मिर्जापुर वाराणसी आजमगढ़ इन मंडलम पड़ते हैं।
27 जिले जो गंगा जी के किनारे बसे हुए हैं।

कई बार अत्यधिक बर्फबारी से पहाड़ी नदियां झीलें जम जाती हैं और ग्लेशियर नदी का प्रवाह रोक देती हैं इस वजह से भी झील बड़ा ग्लेशियर बन जाती है ।

जिसके फटने की आशंका बढ़ जाती है वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी ने हिमालई क्षेत्रों में कई ऐसी झीलों का पता लगाया है जहां ग्लेशियर फटने का खतरा मंडरा रहा है ग्लेशियर फटने से क्या प्रभाव हो सकता है ।

ग्लेशियर के टूटने से भयंकर बाढ़ आ सकती है अंलेश्वर के बर्फ टूट टूट कर झिलों में फिर या उसके अत्यधिक पानी नदियों में सैलाब ला सकता है।

इससे आसपास के इलाकों में भयंकर तबाही बाढ़ और जानमाल का नुकसान भी हो सकता है मौजूदा घटना से उत्तराखंड के देवप्रयाग कर्णप्रयाग श्रीनगर ऋषिकेश को सबसे ज्यादा खतरा पहुंचाने की आशंका जताई जा रही है यह हादसा बद्रीनाथ और तपोवन के बीच हुआ है राज्य के मुख्यमंत्री ने दो पुल के बहने की पुष्टि की है।

 

ग्लेशियर

नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क से निकलने वाली ऋषि गंगा के ऊपरी जल संग्रहण क्षेत्र में टूटे हिमखंड से आई बाढ़ के कारण ढोल गंगा घाटी और अलकनंदा घाटी में नदी ने विकराल रूप धारण कर लिया है।

जिसके कारण ऋषि गंगा और धौलीगंगा के संगम पर स्थित रैणी गांव के समीप स्थित एक निजी कंपनी की श्री गंगा बिजली परियोजना को भी भारी नुकसान पहुंचा है ।

धौली गंगा का जलस्तर बढ़ गया है पानी तूफान की तरह आगे बढ़ रहा है आगे रास्ते में आने वाली सभी चीजों को अपने साथ बहाकर ले जा रहा है पानी का विकराल रूप देखकर ऐसा लग रहा है मानो एक भारी तबाही का मंजर नजर आ रहा है।

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anwar khan

अनवार खान [email protected] दैनिक दृश्य के सम्पादक हैं ये अपने अनुभव से देश दुनिया में हो रही सामाजिक व्यवस्था अव्यवस्था को अपने शब्दों में लिखकर वेब पोर्टल पर प्रकाशित करते हैं। केवल सच्ची खबरें, कहानी, किस्से, यात्राओं के विरतान्त, आंखों देखी घटनाओं को अपने शब्दों में, क्या हुआ, कहा हुआ,कब हुआ, कैसे हुआ, किसने किया आदि विन्दुओ पर अपने विचार, टीका टिप्पणी और संदर्भ में भी लेखन करते हैं।

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