
तीन समकालीन घटनाएं है।जो समकालीन है परन्तु इन तीनों घटनाओं में एक बात कोमन हुई है वो है महिला। लेकिन हमारे नेता और मीडीया सहयोगी इस बात से कोई विशलेषित न्याय पुर्ण बात नहीं करते। सबके लिए घटना में जुर्म कम धर्म ज्यादा नजर आता है।
यही कारण रहता है कि लोगों का ऐसी घटनाओं में नजरिया बदल जाता है। क्यूँकि मीडिया कभी भी खबरो का विश्लेण नही करती है। और ना ही ऐसी पुरानी घटनाओं का सन्दर्भ देती है। तीनों घटनाओं में एक बात समानरुप से देखने को मिली है कि जिन महिलाओं ने अपना सबकुछ त्याग कर पुरुष का साथ दिया उसके बदले में उसे सिर्फ क्या मिला। सिर्फ मृत्यु

यह घटना सितम्बर २०२२माह की है।इसरत परवीन जिसकी उम्र लगभग तीस वर्ष रही होगी।इस घटना में इशरत ने अपने प्यार को पाने के लिए अपना धर्म बदल दिया। पुष्पेन्द्र तिवारी उर्फ सुभम नाम के शख्स के साथ हो गयी। लेकिन परवीन को कहां पता था कि जिसकी मोहब्बत में वह अपना सबकुछ त्याग रही है वहीं उसका दुनियां त्याग कर देगा।
अब दूसरी घटना पर चलते हैं

दूसरी घटना में भी लड़की मोहब्बत में पागल होती है और अभिषेक पाटीदार नामक शख्स से प्यार मौहब्बत कर बैठी
इस घटना में भी लड़की को मोहब्बत के बदले मिलता क्या है सिर्फ मौत।मरने वाली यहां पर भी एक लड़की है।
अब तीसरी घटना पर चलते हैं जो आज बहुत दुखी करने वाली है प्यार मौहब्बत के बदले मिलता क्या है सिर्फ बेरहम मौत।

इस घटना ने सोशल मीडिया से लेकर इंटरनेट पर सनसनी खेज फैल रही है। यहां प्रेमी मुस्लिम समुदाय से है और प्रेमिका हिन्दू समुदाय से है।वस मीडिया और नेताओं के लिए इतना ही काफी है।
तीनों घटनाएं एक समान और समकालीन हैं।इन तीनों घटनाओं में मारने वाला पुरुष है जबकि मरने वाली महिला है लेकिन सोशल मीडिया पर एक्टिव निखट्टू गंवार धर्म के चश्मे से देख रहे हैं।