

आज हम पृथ्वी दिवस मना रहे हैं लेकिन कभी भी अपने अन्दर पृथ्वी को बचाने का प्रयास केवल सोसल मीडिया तक बधाई देने तक सीमित रह जाता है। पृथ्वी को सही मायने में बचाना है तो हमें अपने जीवन में कुछ ऐसे बदलाव लाने होंगे जैसे बुलंदशहर की सर जमीं पर अपने कार्य को बखूबी निभा रहे हैं बृह्मवृक्ष दान धर्मेन्द्र फाउंडेशन के संस्थापक श्री प्रवीण कुमार जी कर रहे हैं।

हम हर सिर्फ अपनी फेसबुक एकाउंट, ट्विटर हैंडल, व्हाट्स ऐप इस्टेटस, पर पोस्ट लिखकर पोस्टर लगा कर पृथ्वी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं दे सकते हैं परन्तु जो कार्य हम करना चाहिए वो नहीं करते हैं क्योंकि हम निर्ही हो चलें है। यदि फेसबुक पोस्ट या व्हाट्स अप करने से पृथ्वी नहीं बचती। बल्कि पृथ्वी को बचाना है तो हमें प्रवीण जी से प्रेरणा लेकर वृक्षों को रोपण करना होगा। पृथ्वी को बचाने के लिए वृक्षों को पालना होगा।

पृथ्वी को बचाने के लिए हमें अपने अन्दर संकल्प पैदा करना होगा। हमें अपने आस पास के वातावरण को स्वच्छ एवं शुद्ध रखने के लिए एक नयी पीढ़ी को पृथ्वी को बचाने के प्रति तैयार करना होगा। उनके अन्दर पृथ्वी को बचाने के लिए एक नयी ऊर्जा का संचार करना होगा।


पृथ्वी को बचाने के लिए प्रवीण कुमार के प्रयास की जितनी सराहना की जाये उतनी कम है। अपने संकल्प को पूरा करने के प्रति वो हर गांव,कालिज मकान दूकान,हर छोटे बड़े संस्थानों से लेकर पार्क, श्मशान भूमि पर निःशुल्क सेवा भाव से वृक्ष दान कर रहे हैं।चला था मन्जिले जानिब अकेला और कारवां बनता गया।















खुले आसमान के अन्दर शुद्ध वायु का लेना आपका अधिकार है तो इस शुद्ध वायु की सतह को बनाये रखने का भी अधिकार हमारा है। आईए आज हम सब मिलकर आज पृथ्वी दिवस पर एक संकल्प लें कि पृथ्वी को बचाने के लिए जो संकल्प प्रवीण जी ने लिया है उसमें अपनी जिम्मेदारी को निभाने में सक्षम हो। पृथ्वी को बचाने में अपनी नैतिक भूमिका निभाने का संकल्प लें।
आप इस भागीदारी को सुनिश्चित करने के लिए प्रवीण कुमार से सीधे जुड़े नीचे दिए लिंक पर क्लिक करके