भोजन के साथ ये फ़ बेदाग-सारंग , हर बार बेहतर हो , कोठ हो ,ये कब बबत्लाया इस ध्वनि का कोई नाम नहीं, अनमोल है, ये भगवान् भगवान् जब भी स्वादिष्ट हो,तब दिल स्वादिष्ट हर…
Read Moreहिन्दी दिवस पर विशेष लेख जैसा कि सभी जानते हैं 14 सितंबर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि 14 सितंबर सन 1949 को हिंदी को राजभाषा घोषित किया गया। लेकिन यह…
Read Moreमेरे आदर्श शिक्षक, शिक्षक दिवस पर विशेष लेख मैं उनके लिए क्या लिखूं ,जिन्होंने मुझे लिखना सिखाया। मैं उनके लिए क्या क्या कहूं , जिन्होंने मुझे हर शब्द का अर्थ बताया है जीवन का महत्व…
Read Moreहमारे देश में बढ़ते क्राइम रूकने का नाम ही नहीं ले रहा है। निर्भया , प्रियंका , गुड़िया न जाने कितनी बेटियों के साथ दरिंदगी होती है। लेकिन अफसोस होता है कि जिस देश में…
Read Moreज़िन्दगी जीने के तरीके? ज़िन्दगी को सफलता की ओर कैसे बढ़ाएं? ज़िन्दगी में सफलता कैसे हासिल करें।एक सफल जिन्दगी कैसे जिएं। ज़िन्दगी जीना इतना आसान नहीं है जितना लोग समझते हैं। इसे आसान बनाने के…
Read Moreशायद ही आए फिर कुछ पैदल चलने दो मुझे को कहीं क़दम वहक ना जाए फिर आज़ के पल पर हक़ मेरा जी लेने दो शायद ही कल आए फिर ये मेरा है ,वो पराया…
Read More। कुछ रंग । कुछ रंग आंगन में दे आए , कुछ रंग वहां से ले आए हम थे ही इतने अलबेले , हंसते-गाते हम चले आए कुछ धूमिल थे कुछ…
Read Moreशहीदी दिवस पर विशेष: भगतसिंह ,सुखदेव और राजगुरु का शहीदी दिवस। आज भगतसिंह , सुखदेव और राजगुरु के अदम्य साहस और बलिदान का दिन है।आज ही के दिन 23 मार्च 1931 की शाम को 7…
Read Moreभारत के शेक्सपियर का दर्शन एक दृष्टि में। हमारा भारत विश्व गुरु कहा जाता है। क्योंकि हमारे भारतीय इतिहास को अनेक प्रचण्ड , प्रतिभाशाली विद्वानों ने प्रकाशित किया है। वेदव्यास , भवभूति , बाणभट्ट,…
Read Moreतुमने लवों को अपने क्यूं बन्द रखा है। तुमने लबों को अपने क्यूँ बन्द रखा है। पाकीजा मोहब्बत पे ये दण्ड रखा है । चाहत हो तुम मेरी ये दुनियाँ को बता दो। क्या है…
Read More“मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है” यूनान के प्रसिद्ध विचारक अरस्तू का यह कथन है। इसी कथन को यदि अंग्रेजी में अनुवाद किया जाए तो (Man is a social animal) मनुष्य एक सामाजिक पशु है। लेकिन…
Read More“पीड़ा की गायिका” या फिर “आधुनिक युग की मीरा” के नाम से जानी जाने वालीं “महादेवी वर्मा” जी हिन्दी साहित्य में अपना विशेष स्थान रखतीं हैं। इनकी रचनाओं के करुणा और भावुकता अभिन्न अंग हैं।…
Read Moreकह रही गरम हवा मंथन से , कहाॅं गये हमारे साथी , क्या उन्हें कैद किया , या आयी परेशानी । एक चिड़िया पंख फड़फड़ा कर ,बैठ गई मेरे पास , पूछा कहाॅं गये वो…
Read Moreकह रही गरम हवा मंथन से , कहाॅं गये हमारे साथी । क्या उन्हें कैद किया , या आयी परेशानी । एक चिड़िया पंख फड़फड़ा कर ,बैठ गई मेरे पास। पूछा कहाॅं गये वो मतवाले…
Read Moreउन हवाओं के झोंको को कैसे भूलें , जो बना गये जीवन को बगिया , फूलों को उसमें उगा गये , फिर फूलों की तरह हमको , महकना हमको सीखा गये बनकर जो सतरंगी इन्द्रधनुष…
Read Moreमेरे नवनीत स्वप्न , मेरी बंजर भूमि की फसल , ऐसे मुझको मिले तुम हो , मेरे जीवन का आधा हिस्सा तुम हो । मेरे आगे बढ़ने का सफ़र , शुरू और आखिरी मंजिल ,…
Read Moreमौसम चले जाते है फिजाएं छोड़कर । रखतीं हूं जिनसे उम्मीदें चले जाते हैं तोड़कर । जिन्दगी रात की नींद होती है । हम खो देते हैं खुशियां हर रोज़ जानकर। कहानी एक…
Read More