कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट के रोक के बाद भी किसानों का आंदोलन जारी रहेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने एक फैसले से आन्दोलन कर रहे किसानों को एक पल के लिए खुश करते हुए सरकार द्वारा पारित तीनों कृषि बिलों पर रोक लगा दी है ओर कमेटी गठित करने का फैसला सुनाया। वीडियो कांफ्रेंसिंग से चल रही सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने सरकार ओर याचिका दायर करने वाले लोगों से तीखे सवाल किए। सुप्रीम कोर्ट ने जिस कमेटी को गठित करने का आदेश दिया है वह सरकार ओर किसानों के मध्य चल रहे गतिविधियों में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी यह कमेटी किसी भी प्रकार का आदेश जारी नहीं कर सकती ओर ना ही यह कमेटी किसी को सजा दे सकती।यह कमेटी सिर्फ अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।हम यह सुनना नहीं चाहते कि किसान कमेटी के पास नहीं जाना चाहते कमेटी का गठन इस तस्वीर को साफ करने के लिए किया गया है,हम समस्या का समाधान हो यही चाहते हैं। अगर आप अनिश्चितकालीन हड़ताल करना चाहते हैं तो कर सकते हैं परन्तु कमेटी को एक निश्चित अवधि तक ही सीमित है। कौन बनेगा कमेटी का सदस्य:-सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी के सदस्यों को भी जल्द नामित करने का फैसला सुनाया १) कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी, हरसिमरत मान, अनिल धनवंत, नेशनल एकेडमी ऑफ इण्डिया के पूर्व डायरेक्टर प्रमोद जोशी का नाम सामिल है सुप्रीम कोर्ट ने कमेटी के सदस्यों के अलावा कमेटी के मुखिया का नाम सामिल हो। वहीं किसान संगठन की ओर से पहल कर रहे अधिवक्ता एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी पर किसानों से चर्चा न करने ओर उनकी अनदेखी करने की बात कही उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से पहल करने के लिए कई अधिकारी आये परन्तु प्रधानमंत्री जी ने अनदेखी की।इस वक्तव्य पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी।

वहीं भारतीय किसान यूनियन के महासचिव श्री राकेश टिकैत ने कहा कि कानून रद्द होने तक आन्दोलन जारी रहेगा किसान संगठन पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले का अध्ययन करेंगे अपनी क़ानूनी सलाहकार समिति से परिचर्चा करने के बाद ही कोई निर्णय लिया जायेगा।४८दिनो से जो संघर्ष चल रहा है यह संघर्ष आगे भी जारी रहेगा जब तक ये तीनों कृषि बिलों को पुर्ण रुप से बन्द नहीं कर दिए जाते।

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