उसने तख्त को तख्ता, तख्ता से तख्ती बना कर बचे हुए फट्टे में सुन्दर करिगरी करवाकर सुनहरे अक्षरों में लिखवा दिया था। इस तख्ती का निर्माण श्री भागमल उठापटक रौबदार जबरसिंह प्रधानाचार्य के कर कमलों…
Read Moreराजनीति में धर्म या धर्म में राजनीति नेताओं की जुबान पर चढ़ रहा है रंग। विधानसभा का चुनाव जैसे ही करीब आता जा रहा है।वैसे ही मंत्रियों के मुख से धर्म की आड़ में तो…
Read Moreमेरे आदर्श शिक्षक, शिक्षक दिवस पर विशेष लेख मैं उनके लिए क्या लिखूं ,जिन्होंने मुझे लिखना सिखाया। मैं उनके लिए क्या क्या कहूं , जिन्होंने मुझे हर शब्द का अर्थ बताया है जीवन का महत्व…
Read More*रसूल अल्लाह का आखिरी हज का खुत्बा* मैदान-ए-अराफ़ात (मक्का) में 9 ज़िल्हिज्ज् ,10 हिजरी को मोहम्मद सल्लाहु अलैहि वसल्लम ने हज का आखरी ख़ुत्बा दिया था। बहुत अहम संदेश दिया था। गौर से पढे हर…
Read Moreज़िन्दगी जीने के तरीके? ज़िन्दगी को सफलता की ओर कैसे बढ़ाएं? ज़िन्दगी में सफलता कैसे हासिल करें।एक सफल जिन्दगी कैसे जिएं। ज़िन्दगी जीना इतना आसान नहीं है जितना लोग समझते हैं। इसे आसान बनाने के…
Read Moreशायद ही आए फिर कुछ पैदल चलने दो मुझे को कहीं क़दम वहक ना जाए फिर आज़ के पल पर हक़ मेरा जी लेने दो शायद ही कल आए फिर ये मेरा है ,वो पराया…
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