
आँखो से आँसुओ में, मेरा प्यार बह रहा।
वेबफाई का ये दर्द, मै कैसे सह रहा।
दिल की ये बात,अपनी जुबां पर ना ला सका।
दर्दों से भरी दासताँ,ना उनको बता सका।
कैसे हैं मेरे जख्म,ना जमाने से कह रहा।
आँखो से आँसुओ में,मेरा प्यार बह रहा।
जख्मी तिज़ारत को,मैंने जरिया बना लिया।
मिलते रहे घाटे,फिर भी दिल में सज़ा लिया।
आयेगा मुनाफा लोटके,मेरा इन्तजार कह रहा।
आँखो से आँसुओ में,मेरा प्यार बह रहा।
नफ़रत की निशानी को बेताब मिटा दे।
मोहब्बत किताबों में एक नाम लिखा दे।
शर्मीली निगाहों से अनवर ये कह रहा।
आँखो से आँसुओ में,मेरा प्यार बह रहा।
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