ऊंचागांव प्रखण्ड के पचपन ग्राम पंचायतों में सड़क एवं जल संरक्षण व इसके निकास की नहीं है कोई व्यवस्था।

ऊंचागांव प्रखण्ड के अन्तर्गत आने वाले पचपन ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण,जल निकासी की व्यवस्थाएं नहीं होने के कारण गांव से निकलने वाले जल को संरक्षित करने की कोई खास व्यवस्था नहीं है।

ऊंचागांव प्रखण्ड के अन्तर्गत आने वाले सभी रास्तों की हालत अत्यधिक खस्ता बनी हुई है इन गांवों में जल निकासी की कोई उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण गांवों से निकलने वाला पानी रास्ते में जलभराव का कारण बन जाता है और रास्ते गांव से निकलने वाले पानी से लबालब भरा रहता है।

दौलतपुर गांव का मुख्य रास्ते का एक छाया चित्र जो हिन्दुस्तान अखबार में छपी खबर के साथ प्रकाशित है।

ऊंचागांव प्रखण्ड के अन्तर्गत आने वाले गांव दौलतपुर में पिछले दो पंचवर्षो से जिला पंचायत सदस्य का प्रतिनिधित्व करने का सौभाग्य मिला है।

यहां से पहले महेश लोधी जिला पंचायत वार्ड नं एक का दायित्व सम्हाल चुके हैं और अब वर्तमान में जिला पंचायत सदस्य सोनू लोधी इस पद पर सुशोभित है।

गांव औरंगाबाद तहारपुर के मुख्य मार्ग का छाया चित्र:-फोटो दैनिक दृश्य

ऊंचागांव प्रखण्ड का औरंगाबाद तहारपुर गांव का मुख्य रास्ता है इसकी हालत आप ऊपरी छाया चित्र में देख रहे हैं कितना सुन्दर दृश्य है। गांव से निकलने वाले पानी के संरक्षण की यहां बहुत ही सख्त जरूरत है ये पानी की बरबादी है।इस जल को संरक्षित करके उपयोगी बनाने के लिए प्रयास करना चाहिए। प्रशासन के लिए कोई भी कार्य नामुमकिन नहीं है।

गांव माजरा माली कीमड्डियां फत्तेपुरगुर्जर के मुख्य मार्ग का छाया चित्र:-फोटो दैनिक दृश्य

यही हाल ऊंचागांव प्रखण्ड के गांव माजरा माली कीमड्डियां फत्तेपुरगुर्जर के मुख्य मार्ग की हालत है। यहां पर भी जल संरक्षण के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है। यदि इस जल को संरक्षित कर लिया जाये तो जल संकट से बचने का एक छोटा सा प्रयास होगा।

सरकार करोड़ों रुपए खर्च करती है ग्राम पंचायतों पर फिर भी समस्याओं से निजात नहीं मिलती?

ग्राम पंचायतों को सरकार करोड़ों रुपए खर्च कर रही है फिर भी ग्राम पंचायतों की हालत जस की तस बनी हुई है। सरकार से मिलने वाला धन आखिर जाता कहां है।

Share and Enjoy !

Shares

anwar khan

अनवार खान [email protected] दैनिक दृश्य के सम्पादक हैं ये अपने अनुभव से देश दुनिया में हो रही सामाजिक व्यवस्था अव्यवस्था को अपने शब्दों में लिखकर वेब पोर्टल पर प्रकाशित करते हैं। केवल सच्ची खबरें, कहानी, किस्से, यात्राओं के विरतान्त, आंखों देखी घटनाओं को अपने शब्दों में, क्या हुआ, कहा हुआ,कब हुआ, कैसे हुआ, किसने किया आदि विन्दुओ पर अपने विचार, टीका टिप्पणी और संदर्भ में भी लेखन करते हैं।

Read Previous

यूक्रेन से भारत आ रहें छात्रों का अब भविष्य क्या होगा।

Read Next

International women’s day2022

Leave a Reply

Your email address will not be published.

   
Shares